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कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis)

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By HealthMitra

कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) आंखों की एक आम और सामान्य बीमारी है, जो आंखों की सफेद परत को प्रभावित करती है। यह बीमारी आंखों के आस-पास की त्वचा को भी प्रभावित कर सकती है और उसे लाल रंग का बना देती है। इसे आम तौर पर “पिंक आई” या “आंख आना” भी कहा जाता है।

कंजंक्टिवाइटिस के कारण:
कंजंक्टिवाइटिस के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

वायरल इंफेक्शन: सर्दी जुकाम या फ्लू से होने वाले वायरस कंजंक्टिवाइटिस का प्रमुख कारण होता है। यह वायरल इंफेक्शन एक संक्रामक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक आसानी से फैलता है।

बैक्टीरियल इंफेक्शन: बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस भी एक आम प्रकार का कंजंक्टिवाइटिस है जिसका कारण आंखों को संक्रमित करने वाले बैक्टीरिया होते हैं। यह इंफेक्शन व्यक्ति से व्यक्ति तक या संक्रमित सामग्री के संपर्क में आने से फैलता है।

एलर्जी: धूल, धूल मिट्टी, पोलेन, विभिन्न खाद्य पदार्थों, पशुओं या धुम्रपान से एलर्जी होने पर भी कंजंक्टिवाइटिस हो सकती है।

केमिकल इरिटेशन: आंखों में उपयोग किए जाने वाले आई-ड्रॉप्स, मेकअप उत्पादों, शौचालय की नेव, वायु प्रदूषक या अन्य केमिकल उत्पादों के संपर्क में आने से भी आंखों में खुजली और लालपन की समस्या हो सकती है।

कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण:

यहां दिए गए कंजक्टिवाइटिस के विभिन्न प्रकारों के लक्षणों को एकत्र किया गया है:

  1. एलर्जी कंजक्टिवाइटिस के लक्षण:
    • आंख में हल्का लाल पन
    • आंख से पानी आना
    • आंख में खुजली
  2. वायरल कंजक्टिवाइटिस के लक्षण:
    • आंख में लालपन
    • आंख में दर्द
    • आंख में कुछ चला जाना और आंख में किरकिरा पन महसूस होना
    • लाइट से परेशानी होना
  3. बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस के लक्षण:
    • आंख में लालपन
    • आंख में दर्द
    • आंख से पीला-पीला पानी आना
    • आंखों में कीचड़ जमा हो जाना
    • पलकों का लाल हो जाना और सूजी हुई पलकें दिखाई देना
    • रोशनी से दिक्कत महसूस होना
  4. कैमिकल कंजक्टिवाइटिस के लक्षण:
    • आंखों से पानी आना
    • आंखों से कीचड़ आना

कंजंक्टिवाइटिस के उपचार और बचाव:

कंजंक्टिवाइटिस का उपचार और बचाव निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:

आराम और हाइजीन: अपने हाथों को समय-समय पर साबुन से धोकर आंखों को छूने से बचें। अपनी आंखों को स्पष्ट पानी से साबुन या शैम्पू से धोएं। अपनी आंखों को साफ़ और सूखी रखने के लिए किसी की बर्थरूम, तौलिए या आंखों से संबंधित वस्त्रों को साझा न करें।

आई-ड्रॉप्स: यदि कंजंक्टिवाइटिस वायरल है, तो आपके डॉक्टर आपको आई-ड्रॉप्स या आई-ओइंटमेंट दे सकते हैं जो लक्षणों को राहत देते हैं। बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस के लिए एंटीबायोटिक दवाएं प्रदान की जाती हैं।

अधिक आराम दें: आंखों की सुजन को कम करने के लिए अपनी आंखों को ध्यान से धोएं और अधिक आराम दें।

विशेषज्ञ के सलाह: कंजंक्टिवाइटिस के लक्षणों में तुरंत अपने चिकित्सक का संपर्क करें। सही निदान के लिए आपके डॉक्टर उपयुक्त उपचार का निर्धारण करेंगे।

इन्फेक्शन से बचाव: कंजंक्टिवाइटिस वायरल या बैक्टीरियल हो सकती है, इसलिए संक्रमण से बचने के लिए अपने हाथों को बार-बार साबुन से धोते रहें, संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें और अपनी आई-ड्रॉप्स, आई-ओइंटमेंट या आंख से संबंधित वस्त्रों को अन्य व्यक्ति के साथ साझा न करें।

कंजंक्टिवाइटिस एक आम बीमारी है जो बच्चों से लेकर वयस्कों तक किसी को भी प्रभावित कर सकती है। समय रहते इसका पहचान करना, सही उपचार और संक्रमण से बचाव मामूली लागत में हो सकता है। यदि लक्षण दिखाई देते हैं, तो जल्दी से जल्दी एक विशेषज्ञ का संपर्क करें और सही उपचार का निर्धारण करवाएं। ध्यान रखें, समय रहते उपचार से कंजंक्टिवाइटिस को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है और आपकी आंखों को स्वस्थ बनाए रखता है।

कंजंक्टिवाइटिस के लक्षणों को कम करने के उपाय:
  1. आंखों पर कोल्ड कंप्रेस लगाना जलन जैसे लक्षणों से राहत प्रदान करता है।
  2. आई ड्रॉप्स का उपयोग करना, जो आंखों में जलन और खुजली को कम कर सकता है।
  3. रूई को पानी में भिगोकर पलकों पर जमे हुए चिपचिपे आई डिस्चार्ज को साफ करना।
  4. एक ही आई ड्रॉप बॉटल का उपयोग करके दोनों आंखों के लिए इस्तेमाल से बचना, अगर एक आंख संक्रमित नहीं है।
  5. जब तक आंखें पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाती हैं, कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग बंद कर देना।
  6. पलकों और चेहरे को माइल्ड साबुन से धोना और पानी से आंखों को साफ करना, बाहरी कणों को निकालने के लिए।
  7. आंखों को रगड़ने से बचना, क्योंकि इससे लक्षण और गंभीर हो सकते हैं।
  8. आई ड्रॉप डालने से पहले अपने हाथों को धोना।

इंफेक्शियस कंजंक्टिवाइटिस से बचने के लिए सावधानियां:
  1. कंजंक्टिवाइटिस होने के दौरान उपयोग किया गया मेकअप (Eye make-up) को दोबारा उपयोग में न लाएं।
  2. कॉन्टैक्ट लेंस के उपयोग से बचें और जब तक आंखें पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाती हैं, चश्मा पहनें।
  3. लेंस हटाने या लगाने से पहले हाथ धोना।
  4. स्टेराइल कॉन्टैक्ट सॉल्युशन का उपयोग करके लेंस को अच्छी तरह से साफ करें।
  5. आईवियर केस को भी साफ करें।

कृपया ध्यान दें कि यह उपाय और सावधानियां आम जानकारी के आधार पर हैं और इसे एक विशेषज्ञ चिकित्सक से पुष्टि करना उचित होगा।

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